ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पांय परौं कर जोरि मनाई । • Hanuman can think various kinds as wanted. He https://irvingv332qai2.verybigblog.com/32094760/hanuman-aarti-an-overview