गाँधी जी बात सुनकर सफाईकर्मी के आँसू निकल गये. इसलिए उन्होंने आनंद जी को बोला की वह इस आम आदमी से माफ़ी मांगे. पत्थर टूटने के बाद मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में जुट गया. इधर महामंत्री सोचने लगा कि काश, पहले मूर्तिकार ने एक अंतिम प्रयास और किया होता, तो सफ़ल https://lokhitkhabar.com/