जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है, दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा। वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच। जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ https://youtu.be/Lug0ffByUck