त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥ अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। शिव चालीसा का पाठ पूर्ण https://shivchalisas.com